उत्तराखंड राज्य के पारंपरिक परिधान

उत्तराखंड राज्य के पारंपरिक परिधान ( उत्तराखंड का पहनावा एवं उत्तराखंड की लोक संस्कृति ) : उत्तराखण्ड में मूलतः दो प्रकार के पारंपरिक परिधान पाए जाते हैं, एक कुमाऊनी परिधान (Kumauni Apparel) और दूसरे गढ़वाली परिधान (Garhwali Apparel ) क्योंकि उत्तराखंड राज्य मूलतः दो भागों में बटा हुआ है कुमाऊँ (Kumaon) और गढ़वाल (Garhwal) इसलिए यहाँ के पारंपरिक परिधान भी मूलतः दो ही प्रकार के पाए जाते हैं।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति
उत्तराखंड के पारम्परिक परिधान–
कुमाऊ व गढ़वाल क्षेत्र के लोगों द्वारा पहनें जाने वाले पारम्परिक परिधान इस प्रकार है :-
•कुमाऊनी पुरुषों के परिधान:- धोती, पैजामा,सुराव, कोट, कुर्त्ता, भोटू, कमीज मिरजै, टांक (साफा) टोपी आदि।
•कुमाऊनी स्त्रियों के परिधान :- घागरा, लहंगा,आंगडी, खानू, चोली, धोती, पिछोड़ आदि ।
•कुमाऊनी बच्चों की परिधान :- झगुली, झगुल कोट, संतरा आदि।
•गढ़वाली पुरुषों के परिधान :- धोती, चूड़ीदारपैजामा, कुर्ता, मिरजई, सफेद टोपी, पगडी, बास्कट, गुलबंद आदि ।
•गढ़वाली स्त्रियों के परिधान :- आंगड़ी, गाती, धोती, पिछवाड़ा आदि ।
•गढ़वाली बच्चों के परिधान :- झगुली, घाघरा, कोट, चूड़ीदार पजामा, संतराथ आदि ।
उत्तराखंड के प्रमुख पारम्परिक आभूषण (Ornament/ Jewellery)–
उत्तराखंड के महिलाओं के द्वारा पहने जाने वालें प्रमुख आभूषण इस प्रकार है:-
• माथे पर- सीसफुल, बंदी, सुहाग बिन्दी
• कान पर-मुर्खली (मुख), बुजनी, तुग्यल, मुना, मुदुडें ।
• नाक पर- फूली, नथुली, बुलांक,फुल्की ।
• गले पर- तिलहरी, चन्द्रहार, लाकेट, हंसुला, सूत, गुलबंद, चरे।
•कंधे पर- सांगल
• कमर पर- कमर ज्यौड़ि, तगडी(तिगडी)
• हाथ पर-धगुला,खंडवे, गुंठी, ट्वाक ।
• कलाई पर -पौछी (पहुंची।
• बाजू पर – गोखले ।
• पैरो पर- पौटा, झांवर, अमिर्तीतार, इमरती, प्वाल्या (विछुवा) ।
उत्तराखंड के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान (Cultural Institution)–
उत्तराखंड के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान निम्नलिखित हैं:-
•संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद (Culture, Literature and Arts Council) -देहरादून
• संस्कृत अकादमी (Sanskrit Academy) – हरिद्वार
• राज्य अभिलेखागार (State Archives) -देहरादून