उत्तराखंड का इतिहास,History of Uttrakhand,परीक्षा वाणी

उत्तराखंड के इतिहास को जानने के स्रोत,परीक्षा वाणी

UTTARAKHAND
UTTARAKHAND

उत्तराखंड के इतिहास को जानने से पहले हम कुछ तीन बिंदुओं पर वैज्ञानिक विश्लेषण करेंगे| यह तीन बिंदु इतिहास को समझने में हमें सहायता प्रदान करेंगे प्रथम इतिहास किसे कहते हैं बीते समय के अध्ययन को इतिहास कहा जाता है इसी प्रकार इतिहास को समझने के लिए इनको तीन भागों में तोड़ना आवश्यक हो जाता है|

प्राक इतिहास-

यह वह कालखंड था जिसमें मनुष्य एक ऐसा जीवन जी रहा था जो एक असभ्य था यह कालखंड आदि काल से 2500 BC के बीच माना जाता है इस कालखंड में मनुष्य को मात्र अपने भोजन की तलाश रहती थी| अर्थात वह आखेटक का जीवन जी रहा था उसको ना तो लिखने का ज्ञान था और ना ही अपने शरीर को ढकने का इस काल में उसने मात्र जानवरों को मारना सीखा जानवरों को मारने के लिए वह पत्थरों के अवशेषों को प्रयोग में लाता था|

आघ-इतिहास

यह वह कालखंड था जिसमें मनुष्य को लिखने का ज्ञान प्राप्त हो गया था |इस कालखंड में मनुष्य अपने जीवन को बदल लिया था अर्थात वह पहिए की खोज कर चुका था आग पर काबू कर चुका था एक अच्छे जीवन को जीने की कला उसने प्राप्त कर ली थी इस कालखंड में कुछ सभ्यताएं सामने प्रकट हुई जिसमें हड़प्पा सभ्यता सबसे प्रमुख मानी जाती थी इस सभ्यता के अवशेषों को हम आज भी प्राप्त करते रहते हैं इस सभ्यता में हमने उनकी द्वारा लिखी गई कोई भी लिपि को नहीं पढ़ पा सके हैं उनकी लिपि का एक नाम दिया गया है जिसको ब्रूस फेडेन शैली कहा जाता था यदि इस शैली को हम पढ़ लेते हैं तो हम ऐतिहासिक कालखंड में प्रवेश कर लेंगे

ऐतिहासिक काल-

यह वह कालखंड था जिसमें मनुष्य ने एक नया जीवन प्राप्त किया हम आज भी उनके अवशेषों शैलियों को पढ़ पाए हैं सबसे पहले अशोक के शिलालेखों को जेम्स प्रिंसेप ने पढ़ा था जो कि अपने में सबसे महान कार्य था|

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